Sunday, March 5, 2017

मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का

मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का ।
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

कमल लज्जाये तेरे नैनो को देख के ।
भूली घटाए तेरी कजरे की रेख पे ।
यह मुखड़ा निहार के, सो चाँद गए हार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

कुर्बान जाऊं तेरी बांकी अदाओं पे ।
पास मेरे आजा तोहे भर मैं भर लूँ मैं बाहों में ।
जमाने को विसार के, दिलो जान टोपे वार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

रमण बिहारी नहीं तुलना नहीं तुम्हारी ।
तुझ सा ना पहले कोई ना देखा अगाडी ।
दीवानों ने विचार के, कहा यह पुकार के,
दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से ॥

श्री गोवर्धन महाराज ओ महाराज

श्री गोवर्धन महाराज ओ महाराज
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार ।

तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम ।

तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल ।

तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल ।

गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण ।

Thursday, January 5, 2017

हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल

हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
मुरली मनोहर किशन कन्हैया मुरली मनोहर किशन कन्हैया
बंशी बजैया तू बोल रे मनवा
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
 
जल में भी वो हे थल में भी वो हे श्रृष्टि के हर कण कण में वो हे
जल में भी वो हे थल में भी वो हे श्रृष्टि के हर कण कण में वो हे
भक्तो के सारे दुःख हरले कान्हा तेरे द्वारे कब से खड़े हैं
घडी घडी घनश्याम बोल रे मनवा घडी घडी घनश्याम बोल
घडी घडी घनश्याम बोल रे मनवा घडी घडी घनश्याम बोल
हरे मुरारे खड़े तेरे द्वारे हरे मुरारे खड़े तेरे द्वारे
मन की किवडिया तू खोल रे मनवा
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
 
सारे जगत का है रखवाला यशोदा नंदन गिरधर गोपाला
सारे जगत का है रखवाला यशोदा नंदन गिरधर गोपाला
सूरत से कितना हे भोला भाला मुड मुड कर के देखने वाला
हरे हरे नंदलाला बोल रे मनवा हरे हरे नंदलाला बोल
हरे हरे नंदलाला बोल रे मनवा हरे हरे नंदलाला बोल
सोते जगते बस राधे श्याम सोते जगते बस राधे श्याम
तू अपनी सांसो में घोल रे मनवा
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
मुरली मनोहर किशन कन्हैया मुरली मनोहर किशन कन्हैया
बंशी बजैया तू बोल रे मनवा
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल
हरी हरी गोविन्द बोल रे मनवा हरी हरी गोविन्द बोल

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने

संगीत.....................१२३ कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने कैसा चक्कर चलाया रे श्याम...