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करुणामई श्री राधे वृश्भान की दुलारी हम हैं शरण तिहारी सुध लिजिये हमारी

प्रित मोहन से की इस भरोसे पे की

इक जोगी आयो रे तेरे द्वार दिखा दे मुख लाल का