हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
न यें कम है न वो कम है न वो कम है न यें कम है
न यें कम है न वो कम है न वो कम है न यें कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
जटा में शिव
की गंगा है चरण से इनकी बहती है
जटा में शिव की गंगा है चरण से इनकी बहती है
चरण से इनकी बहती है
चरण से इनकी बहती है
दोनों ही पाप नाशक हैं न यें कम है न वो कम है
दोनों ही पाप नाशक हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
गले में इनके नागों की माला है शेष शैया पे सोते हैं
गले में इनके नागों की माला है शेष शैया पे सोते हैं
शेष शैया पे सोते हैं
शेष शैया पे सोते हैं
दोनों ही नागों से खेलते हैं न यें कम है न वो कम है
दोनों ही नागों से खेलते हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
लगाते ये भभूति है वो चंदन लेप लगाते हैं
लगाते ये भभूति है वो चंदन लेप लगाते हैं
वो चंदन लेप लगाते हैं
वो चंदन लेप लगाते हैं
दोनों ही मस्ती में रहते हैं न यें कम है न वो कम है
दोनों ही मस्ती में रहते हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
ये रहते है हिमालय में वो रहते शीर
सागर में
ये रहते है हिमालय में वो रहते शीर सागर में
वो रहते शीर सागर में
वो रहते शीर सागर में
ससुर घर दोनों रहते है ना यें कम है न वो कम है
ससुर घर दोनों रहते है ना यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
उमापति इनको
कहते हैं रमापति उनको कहते हैं
उमापति इनको कहते हैं रमापति उनको कहते हैं
रमापति उनको कहते हैं
रमापति उनको कहते हैं
आदि ही दोनों शक्ति हैं न यें कम है न वो कम है
आदि ही दोनों शक्ति हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
यें पीते भांग का प्याला
वो पीते प्रेम रस प्याला
नशे में दोनों रहते है
ना यें कम है न वो कम है
उमा की बात यें माने
रमा की बात वो माने
पिया का मान करने में
ना यें कम है न वो कम है
उन्हों ने त्रिम्भ को दांता
इन हो ने यश सिर काटा
ससुर अब मान करने में
ना यें कम है न वो कम है
उन्हों ने धार को काटा
इन्हों ने वित्विपर काटा
जगत उपकार करने में
ना यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
न यें कम है न वो कम है न वो कम है न यें कम है
न यें कम है न वो कम है न वो कम है न यें कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
जटा में शिव की गंगा है चरण से इनकी बहती है
चरण से इनकी बहती है
चरण से इनकी बहती है
दोनों ही पाप नाशक हैं न यें कम है न वो कम है
दोनों ही पाप नाशक हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
गले में इनके नागों की माला है शेष शैया पे सोते हैं
शेष शैया पे सोते हैं
शेष शैया पे सोते हैं
दोनों ही नागों से खेलते हैं न यें कम है न वो कम है
दोनों ही नागों से खेलते हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
लगाते ये भभूति है वो चंदन लेप लगाते हैं
वो चंदन लेप लगाते हैं
वो चंदन लेप लगाते हैं
दोनों ही मस्ती में रहते हैं न यें कम है न वो कम है
दोनों ही मस्ती में रहते हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
ये रहते है हिमालय में वो रहते शीर सागर में
वो रहते शीर सागर में
वो रहते शीर सागर में
ससुर घर दोनों रहते है ना यें कम है न वो कम है
ससुर घर दोनों रहते है ना यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
उमापति इनको कहते हैं रमापति उनको कहते हैं
रमापति उनको कहते हैं
रमापति उनको कहते हैं
आदि ही दोनों शक्ति हैं न यें कम है न वो कम है
आदि ही दोनों शक्ति हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
हरी हर दोनों एक ही हैं न यें कम है न वो कम है
यें पीते भांग का प्याला
वो पीते प्रेम रस प्याला
नशे में दोनों रहते है
ना यें कम है न वो कम है
उमा की बात यें माने
रमा की बात वो माने
पिया का मान करने में
ना यें कम है न वो कम है
उन्हों ने त्रिम्भ को दांता
इन हो ने यश सिर काटा
ससुर अब मान करने में
ना यें कम है न वो कम है
उन्हों ने धार को काटा
इन्हों ने वित्विपर काटा
जगत उपकार करने में
ना यें कम है न वो कम है
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