सावन की बरसी ठंडी फूहार पेड़ों पे झूलों की लगी कतार राधा झूला झूल रही संग श्याम के

संगीत..........१२३
सावन की बरसी ठंडी फूहार
पेड़ों पे झूलों की लगी कतार
राधा झूला झूल रही 
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
सावन की बरसी ठंडी फूहार
पेड़ों पे झूलों की लगी कतार
राधा झूला झूल रही संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
 
संगीत..........१२३
श्याम की बांशुरिया
गीत मल्हार के गा रही है
बादलों से जैसे
आज मोती से बरसा रही है
पवन चले पुरवाई
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
 
संगीत..........१२३
कूकती है कोयल
पिहू पिहू पपीहा पुकारे
हर कदम्ब की डाली
बोले आओ सांवरिया हमारे
झूलन की रुत आई
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
 
संगीत..........१२३
इस युगल छवि का
कौन बन जायेगा ना दीवाना
राधा जू श्यामा सी
परवाने से लगते हैं कान्हा
छवि मेरे मन भाई
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
 
संगीत..........१२३
ग्वाल बाल सखियाँ
आज होके मगन नाचते हैं
हाथ जोड़ इनसे
आशीर्वाद सब मांगते हैं
महिमा जाए ना गाई
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
सावन की बरसी ठंडी फूहार
पेड़ों पे झूलों की लगी कतार
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के
राधा झूला झूल रही
संग श्याम के

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