मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो

ऐसे वर को क्या वरु,जो जनमे और मर जाये
वरीये गिरिधर लाल को,छु लो अमर हो जाये
आओ मेरी सखियो, मुझे मेहँदी लगा दो

मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो
सतसंग मे मेरी.. बात चलाई
सतगुरु ने मेरी किन्ही रे सगाई
उनको बुला के हथलेवा तो करा दो
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो

ऐसी पहनी चूड़ी जो कबहू ना टूटे
ऐसा वरु दूल्हा जो कबहू ना छूटे
अटल सुहाग की बिंदिया लगा दो
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो

भक्ति का सुरमा मैं आँख मे लगाउंगी
दुनिया से नाता तोड़, उन्ही की हो जाऊँगी
सतगुरु को बुला के फेरे तो पडवा दो
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो

बाँध के घुँघरू मै उनको रिझाउँगी
ले के इक तारा मै श्याम श्याम गाऊँगी
सखियों को बुलाके डोली तो सजवा दो
सतगुरु को बुला के बिदा तो करा दो
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो

आओ मेरी सखियो, मुझे मेहँदी लगा दो
मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो
मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो


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