मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले

मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।

भक्तो की तुमने कान्हा विपदा है टारी
मेरी भी बाह थामो आ के बिहारी।
बिगड़े बनाए तुमने, हर काम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।

पतझड़ है मेरा जीवन, बन के बहार आजा।
सुन ले पुकार कान्हा बस एक बार आजा।
बैचैन मन के तुम्ही आराम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।

तुम हो दया के सागर, जनमों की मैं हूँ प्यासी।
दे दो जगह मुझे भी, चरणों में बस ज़रा सी।
सुबह तुम्ही हो, तुम्ही ही मेरी श्याम मुरली वाले॥
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।

मेरी साँस साँस में तेरा, है नाम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले।
मुझे चरणों से लगाले, मेरे श्याम मुरली वाले॥

इच्छा ही सब दुःखों का मूल है।
— गौतम बुद्ध


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