Tuesday, August 14, 2018

अपने सब रूठे चाहे हो बदनामी

कि अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी लेकिन
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
ओ अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
भाव से
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
ओ नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
ओ कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
हाँ कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
 
अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
ओ अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
प्यारे
रोज सुनु में सत्संग जाकर
रोज सुनु में सत्संग जाकर
रोज सुनु में सत्संग जाकर
रोज सुनु में सत्संग जाकर
तुझे रिझाऊ तेरा नाम गाकर
तुझे रिझाऊ तेरा नाम गाकर
कैसे
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
ओ नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
हाँ नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
तो रोज सुनु में सत्संग जाकर
रोज सुनु में सत्संग जाकर
हाँ तुझे रिझाऊ तेरा नाम गाकर
तुझे रिझाऊ तेरा नाम गाकर और प्यारे
कोई कुछ बोले मेने भर ली हामी
कोई कुछ बोले मेने भर ली हामी चाहे  
कोई कुछ बोले मेने भर ली हामी
कोई कुछ बोले मेने भर ली हामी
क्या हामी
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
झूमकर गाइये
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
ओ नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
हाँ कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
 
गाइए
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
ओ अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
लेकिन प्यारे
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
ओ अपने सब रूठें चाहे हो बदनामी
तेरे दर पर शीश झुकाकर
तेरे दर पर शीश झुकाकर
ओ तेरे दर पर शीश झुकाकर
तेरे दर पर शीश झुकाकर हे बांके बिहारी
सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
हाँ सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
प्यारे तेरे दर पर शीश झुकाकर
तेरे दर पर शीश झुकाकर
हो सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
ओ तेरे दर पर शीश झुकाकर प्यारे
तेरे दर पर शीश झुकाकर
हाँ सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
सब कुछ पाया मेने तुमको पाकर
और देखो तो
मुझ जैसे खोटे को तुमने कर दिया नामी
मुझ जैसे खोटे को तुमने कर दिया नामी
मुझ जैसे खोटे को तुमने कर दिया नामी
मुझ जैसे खोटे को तुमने कर दिया नामी
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
गाइए
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
ओ अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
प्यारे
पाप पुन्य में कुछ ना जानू
पाप पुन्य में कुछ ना जानू
भला बुरा क्या में ना पहचानू
भला बुरा क्या में ना पहचानू
ओ पाप पुन्य में कुछ ना जानू
पाप पुन्य में कुछ ना जानू
हाँ भला बुरा क्या में ना पहचानू
हो भला बुरा क्या में ना पहचानू
तो इसलिए
उन्हें छमा करना मुझमें हो जो खामी
उन्हें छमा करना मुझमें हो जो खामी
हो उन्हें छमा करना मुझ में हो जो खामी
उन्हें छमा करना मुझ में हो जो खामी
प्यारे
श्याम सुंदर की मेने कर ली गुलामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
अपने सब रूठें  चाहे हो बदनामी
झूमकर गाइये
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
कृष्ण मुरारी गिरधारी
नटवर नागर बनवारी
नटवर नागर बनवारी
श्री वृन्दावन बिहारी लाल कि जय

Friday, February 9, 2018

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धु च सखा त्वमेव
त्वमेव विध्या द्रविण त्वमेव त्वमेव सर्वम मम देव देवा
सचिदानंद रूपाय विश्वोत्प्त्यादी हेतवे
तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयम नमः

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव
रूप चतुर्भुज धरके पधारो हे नाथ नारायण वासुदेव
श्री कृष्ण.........................हे नाथ...................................
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेव
पितु मत स्वामी सखा हमारे हे नाथ.............................
तुम में वास करे जग सारा, तुम जननी के अधर मंझार 
नाथ चतुर्भुज अंतर्यामी , (लघु विराट रूपों के स्वामी-२)
शुक्ष्म रूप धरी-२ गर्भ पधारे हे नाथ.............................
श्री कृष्ण.........................हे नाथ...................................
बंदी ग्रह के तुम अवतारी, कहीं जन्मे कहीं पले मुरारी
किसी के जाए किसी के कहाए, है अधभुत हर बात तिहारी
गोकुल में चमके मथुरा के तारे-२  हे नाथ........................
श्री कृष्ण.........................हे नाथ...................................
अधर पे बंशी, ह्रदय में राधे, बट गए दोनों में आधे आधे
है राधा नागर हे भक्त वत्सल, (सददेव भक्तों के काम साधे-२)
वहीँ गए-२ वहीँ गए जहाँ गए पुकारे हे नाथ............................
श्री कृष्ण.........................हे नाथ...................................
गीता में उपदेश सुनाया, तुमने तो यह विश्व जगाया 
फल इच्छा से रहित का जुमको,(हर मानव का धर्म बताया-२)
रहेंगे हम सब-२ रहेंगे हम सब ऋणी तुम्हारे हे नाथ..................
श्री कृष्ण.........................हे नाथ...................................

बुद्ध शुद्ध तिथि अष्टमी प्यारी, भाद्र मास वर्षा अति भारी 
बंधी गृह में अर्घ निशा में, (प्रगट हुए सर्वान्द्कारी-२)
सुर नर मुनि सब हुए सुखारे हे नाथ.......................................


श्री कृष्ण.........................हे नाथ...................................
चन्द्र वंश का चन्द्र सुहाना, कृष्ण जगत गुरु जग ने माना 
अत्याचारी कंश के घर में, ( इक पल रुकना उचित न जाना-२)
त्याग के मथुरा गोकुल पधारे हे नाथ......................................


श्री कृष्ण.........................हे नाथ...................................
राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे  कृष्णा कृष्णा -२


बनवारी ओ मोहन मुरारी

बनवारी ओ मोहन मुरारी, निराली तेरी माया कन्हाई रे
मथुरा में तेने जनम लियो-२ बाजे गोकुल बधाई रे 
बनवारी...............................................................
जय गोविंदा जय गोपाला, जय गोविंदा जय गोपाला 
जय गोविंदा जय गोपाला, जय गोविंदा जय गोपाला 
आते ही कारावास के (देखो स्वयम टूट गये ताले-२)
संकेत किया लो आ गए (हर बंधन तोड़ने वाले-२)
अष्टम अवतार, अष्टम संतान, अष्टमी हुई तेरे आने से महान
जय जय श्री कृष्ण भगवान, जय जय श्री कृष्ण भगवान
हुआ बुध को प्रकट प्रभु हो 


हुआ बुध को प्रकट बुद्धि सबकी चकराई रे
बनवारी..............................................................२
जन्मदायनी देवकी मैया, और जसुदा ने पाला 
श्री वासुदेव का पुत्र किन्तु, कहलाया तू नंदलाला 
चन्द्र वंश का सरस चंद्रमा, कृष्णचन्द्र है काला
एसा काला रंग की जिसने, जग में किया उजाला 
मनमोहन तेरी जय, प्रियदर्शन तेरी जय 
तेरे जैसा जग में कोई -२ दे न देखाई रे 
बनवारी..............................................................२
घोड़ी झंडा पालकी, जय कन्हैया लाल की-२
ब्रिज्भूमि तेरी प्रिय भूमि है,(तेरे प्राण है गोपी ग्वाला-२)
गौ चारण से गोविन्द तू, (गो पालन से गोपाला-२)
पावन तेरा नाम, तू सकल गुण धाम,
राधा प्यारी के श्याम को है सहज प्रणाम-२
प्रेम भारी मुरली से प्रेम की-२, गंगा बहाई रे 
बनवारी..............................................................२
श्रद्धा भक्ति सहित जन्माष्टमी तेरे भक्त मानते 
शंख बजाकर कीर्तन गाकर नटवर तोहे बुलाते 
खीरे का मुख काट के मोहन तुमको बाहर लाते 
सारा दिन उपवास करे तब तेरे दर्शन पाते 
पुरुषोत्तम तेरी जय, सर्वोत्तम तेरी जय 
भक्तन हित पारस मणि-२ चन्दन सुखदाई रे 
बनवारी..............................................................२

मोर मुकुट सर कनंन कुंडल

मोर मुकुट सर कनंन कुंडल, नैन रसीले मुख शशि मंडल 
हरी सम और न कोई रे, सखी मेरो प्रीतम सोई रे 
मधुर मुरलिया अधरन राजे, गल बैजंती माला साजे 
हरी सम..................................................................
श्री पति हरी श्री वर्धन, श्री युत श्री नारायण 
प्रभु के श्री चरणन में मोश्री हिन् को वंदन 
कोश्तुभ मणि श्री वत्स की रेखा, ऐसा श्रीधर और ना देखा 
श्री शर्वांग संजोई रे
सखी मेरो...............................................................
नील कलेवर, पत पीताम्बर अंग धरे, कान्हा कुंजन केलि करे 
पद से गंग प्रवाहित अंतर स्थापित राधा,
मार्ग में अनगित सखियाँ, मिलन में केवल बाधा 
नतसिख्वर नल कहत न आवे, कोटिक मन मथ देख लजावे 
देखत सुध बुध खोई रे 
सखी मेरो...............................................................


मोर मुकुट सर कनंन कुंडल, नैन रसीले मुख शशि मंडल 
हरी सम और न कोई रे, सखी मेरो प्रीतम सोई रे 
मधुर मुरलिया अधरन राजे, गल बैजंती माला साजे 
हरी सम..................................................................

Thursday, February 8, 2018

जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला

जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे 
कानों में कुंडल साजे सिर मोर मुकुट बिराजे
कानों में कुंडल साजे सिर मोर मुकुट बिराजे
सखियाँ पगली होती जब-जब होंटो पे बंशी बाजे 
हे चंदा ये सांवरा तारे हैं ग्वाल बाला
हे चंदा ये सांवरा तारे हैं ग्वाल बाला
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे 
लट घुंगराले बाल तेरे कारे कारे गाल
लट घुंगराले बाल तेरे कारे कारे गाल
सुन्दर श्याम सलोना तेरी टेढ़ी मेढ़ी चाल
हवा में सर सर करता तेरा पीताम्बर मतवाला
हवा में सर सर करता तेरा पीताम्बर मतवाला
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे
 
मुख पे माखन मलता तू बल घुटने के चलता
मुख पे माखन मलता तू बल घुटने के चलता
देख यशोदा भाग को देवो का भी मन जलता 
माथे पे तिलक है सोहे आँखों में काजर डाला 
माथे पे तिलक है सोहे आँखों में काजर डाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे
 
तू जब बंशी बजाये तब मोर भी नाच दिखावे
तू जब बंशी बजाये तब मोर भी नाच दिखावे
यमुना में लहरें उठती और कोयल कु कु गाये 
हाथ में कंगन पहने और गल बैजंती माला 
हाथ में कंगन पहने और गल बैजंती माला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे सुन्दर आँखों वाला 
कितना सुन्दर लागे बिहारी कितना लागे प्यारा 
जरी की पगड़ी बांधे

नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा श्यामसुन्दर मुख चंदा भजो रे मन गोविंदा


नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
श्यामसुन्दर मुख चंदा हाँ
श्यामसुन्दर मुख चंदा भजो रे मन गोविंदा 
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा

तू ही नटवर तू ही नागर 
हा श्याम ओ श्याम हा श्याम घनश्याम 
तू ही नटवर तू ही नागर तू ही बाल मुकुंदा  
नटवर नागर नंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा

सब देवन में कृष्ण बड़े हैं  
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं 
ज्यू तारा तारा ज्यू तारा तारा 
ज्यू तारा विच चंदा 
नटवर नागर नंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा

सब सखियन में राधा बड़ी हैं
सब सखियन में राधा बड़ी हैं
ज्यू नदिया विच गंगा 
नटवर नागर नंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
श्यामसुन्दर मुख चंदा हाँ
श्यामसुन्दर मुख चंदा भजो रे मन
गोविंदा गोविंदा गोविंदा गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
 
ब्रिन्दावन में रास रचायो
नाचत नाचत नाचत नाचत
ब्रिन्दावन में रास रचायो नाचत बाल मुकुंदा
नटवर नागर नंदा नंदा नंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
 
मीरा के प्रभु गिरधर नागर गिरधर नागर
गिरधर नागर गिरधर नागर गिरधर नागर
मीरा के प्रभु गिरधर नागर काटो जम के फंदा 
नटवर नागर नंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नागर नंदा नागर नंदा
नागर नंदा गोविंदा
नागर नंदा नागर नंदा
नागर नंदा गोविंदा
 
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे नरसिह रूप धरंता 
नटवर नागर नंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
 
कालीदह में नाग ज्यो नाथे
कालीदह में नाग ज्यो नाथे फण-फण निरत करंता 
नटवर नागर नंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा
नटवर नागर नंदा भजो रे मन गोविंदा 

SONG LINK:

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने

संगीत.....................१२३ कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी ऊँगली ने कैसा चक्कर चलाया रे श्याम...