बनवारी ओ मोहन मुरारी

बनवारी ओ मोहन मुरारी, निराली तेरी माया कन्हाई रे
मथुरा में तेने जनम लियो-२ बाजे गोकुल बधाई रे 
बनवारी...............................................................
जय गोविंदा जय गोपाला, जय गोविंदा जय गोपाला 
जय गोविंदा जय गोपाला, जय गोविंदा जय गोपाला 
आते ही कारावास के (देखो स्वयम टूट गये ताले-२)
संकेत किया लो आ गए (हर बंधन तोड़ने वाले-२)
अष्टम अवतार, अष्टम संतान, अष्टमी हुई तेरे आने से महान
जय जय श्री कृष्ण भगवान, जय जय श्री कृष्ण भगवान
हुआ बुध को प्रकट प्रभु हो 


हुआ बुध को प्रकट बुद्धि सबकी चकराई रे
बनवारी..............................................................२
जन्मदायनी देवकी मैया, और जसुदा ने पाला 
श्री वासुदेव का पुत्र किन्तु, कहलाया तू नंदलाला 
चन्द्र वंश का सरस चंद्रमा, कृष्णचन्द्र है काला
एसा काला रंग की जिसने, जग में किया उजाला 
मनमोहन तेरी जय, प्रियदर्शन तेरी जय 
तेरे जैसा जग में कोई -२ दे न देखाई रे 
बनवारी..............................................................२
घोड़ी झंडा पालकी, जय कन्हैया लाल की-२
ब्रिज्भूमि तेरी प्रिय भूमि है,(तेरे प्राण है गोपी ग्वाला-२)
गौ चारण से गोविन्द तू, (गो पालन से गोपाला-२)
पावन तेरा नाम, तू सकल गुण धाम,
राधा प्यारी के श्याम को है सहज प्रणाम-२
प्रेम भारी मुरली से प्रेम की-२, गंगा बहाई रे 
बनवारी..............................................................२
श्रद्धा भक्ति सहित जन्माष्टमी तेरे भक्त मानते 
शंख बजाकर कीर्तन गाकर नटवर तोहे बुलाते 
खीरे का मुख काट के मोहन तुमको बाहर लाते 
सारा दिन उपवास करे तब तेरे दर्शन पाते 
पुरुषोत्तम तेरी जय, सर्वोत्तम तेरी जय 
भक्तन हित पारस मणि-२ चन्दन सुखदाई रे 
बनवारी..............................................................२

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