गोपी विरह गीत
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
मेरे कान्हा में यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
तू नहीं तो ये रुत ये हवा क्या करूं
क्या करूँ
तू नहीं तो ये रुत ये हवा क्या करूं
दूर तुझसे में रहके भला क्या करूँ
क्या करूँ
सूना सूना है जहाँ अब जाऊं में कहाँ
बस इतना मुझे समझा जा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
आँधियाँ वो चली आशियाँ लूट गया
लूट गया
आँधियाँ वो चली आशियाँ लूट गया
प्यार का मुस्कुराता जहाँ मिट गया
मिट गया
इक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक
वो चाँद
इक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक
वो चाँद मुझे दिखलाजा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
मुंह छुपाके मेरी जिन्दगी रो रही
रो रही
मुंह छुपाके मेरी जिन्दगी रो रही
दिन ढला भी नही शाम क्यूँ हो रही
हो रही
तेरी दुनिया से हम लेके चले तेरा गम
पल भल के लिए तू आजा
मेरे कान्हा में यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
मेरे कान्हा में यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
क्या करूँ
तू नहीं तो ये रुत ये हवा क्या करूं
दूर तुझसे में रहके भला क्या करूँ
क्या करूँ
सूना सूना है जहाँ अब जाऊं में कहाँ
बस इतना मुझे समझा जा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
लूट गया
आँधियाँ वो चली आशियाँ लूट गया
प्यार का मुस्कुराता जहाँ मिट गया
मिट गया
इक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक
वो चाँद
इक छोटी सी झलक मेरे मिटने तलक
वो चाँद मुझे दिखलाजा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
रो रही
मुंह छुपाके मेरी जिन्दगी रो रही
दिन ढला भी नही शाम क्यूँ हो रही
हो रही
तेरी दुनिया से हम लेके चले तेरा गम
पल भल के लिए तू आजा
मेरे कान्हा में यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
कान्हा कान्हा पुकारे राधा
में भटकता यहाँ
ऐसे मे है तू कहाँ
कृष्ण कृष्णा पुकारे राधा
TARJ
MERA DIL YE PUKARE AAJA
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