सागर तट पर बैठ अकेला
रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला
रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरधारी देर
हुई घनश्याम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला
करता पल पल तेरा वंदन
युग युग का प्यासा मेरा मन
संगीत...........123
करता पल पल तेरा वंदन
युग युग का प्यासा मेरा मन
करले अब स्वी कार मुरारी
तू ये मेरा प्रणाम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला
रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला रे
चरों और घिरे अँधियारा
नाथ ना अपना एक सहारा
संगीत...........123
चरों और घिरे अँधियारा
नाथ ना अपना एक सहारा
सुधि पतवार पकड़ खिताने
नैया आठों याम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला
रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला रे
बहुत हुआ ये खेल तमाशा
अब तेरे चरणों की आशा
संगीत...........123
बहुत हुआ ये खेल तमाशा
अब तेरे चरणों की आशा
डर है दर्शन बिन जीवन की
ढल जाए ना शाम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला
रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरधारी
देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैठ अकेला रे
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