श्रितकमलाकुचमण्डल धृतकुण्डल ए।
कलितललितवनमाल जय जय देव हरे॥1
मुनिजनमानसहंस जय जय देव हरे ॥2
यदुकुलनलिनदिनेश जय जय देव हरे ॥3
सुरकुलकेलिनिदान जय जय देव हरे ॥4
त्रिभुवनभवननिधान जय जय देव हरे ॥5
समरशमितदशकण्ठ जय जय देव हरे 6
श्रीमुखचन्द्रचकोर जय जय देव हरे ॥7
कुरु कुशलंव प्रणतेषु जय जय देव हरे ॥8
मंगलमंजुलगीतं जय जय देव हरे ॥9
यशोदा दुलाला जय जय देव हरे ॥10
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